– पुलिस को भीड़ नियन्त्रित करने के लिए करनी पड़ी मशक्कत
– 1 अपर पुलिस अधीक्षक, 3 सीओ और भारी संख्या में लगी थी पुलिस व पीएसी
संतकबीरनगर। आनन्द पाण्डेय
जिले की सबसे बड़ी पंचायत का चुनाव हो रहा था। इस पूरे चुनाव में कुल 32 वोट थे। लेकिन स्थिति यह थी कि दोनों पक्षों से तकरीबन 10 हजार से अधिक लोग इन वोटों को सहेजने और तमाशा देखने के लिए जुटे हुए थे।

चुनाव जीतने के बाद नीना को प्रमाण पत्र देते हुए जिलाधिकारी : इसी चुनाव के 32 वोटों को सहेजने के लिए 10 हजार से अधिक लोग जुटे
सुनकर आश्चर्य होता है कि मात्र 32 वोटों के लिए इतनी बड़ी भीड़ जुटी थी। दोनों पक्षों से दर्जनों विधायक व पूर्व विधायक, कई पूर्व सांसदों के साथ ही शायद ही जिले का कोई माननीय और गणमान्य रहा हो जो जिला पंचायत चुनाव के दौरान बल प्रदर्शन के लिए न आया हो। यही नहीं तकरीबन 500 से अधिक चारपहिया वाहन तो थे ही। दो पहिया वाहनों की भी गिनती कम नहीं थी। ऐसे नजारे तो सांसद और विधायक पद के चुनाव के पर्चा दाखिले में भी नहीं दिखते हैं। कुल मिलाकर मुकामी पुलिस को भी इस गहमा गहमी का एहसास पहले से ही था। तभी तो 1 एएसपी के साथ ही 3 सीओ, चार थानेदार, 1 कम्पनी पीएसी, भारी संख्या में ट्रैफिक पुलिस व अन्य लोगों को लगाया गया था। ताकि कोई भी स्थिति हो, पुलिस उन स्थितियों से निबटने में सक्षम हो। यही नहीं भीड़ को नियन्त्रित करने के लिए जगह जगह बैरिकेटिंग भी की गई थी। पुलिस विभाग के लोग भी इस बार पूरी तरह सतर्क दिखे। केवल मतदाता या फिर जिन्हें सहयोगी एलाट थे वही जा सकते थे।