- अभिभावकों व छात्र छात्राओं की अभिरुचि के चलते प्रबन्ध तन्त्र व शिक्षक उत्साहित
- चौथी क्लास से 10 वीं तक और 12 वीं की चल रही हैं क्लासेज, जुड़ रहे हैं नाम
संतकबीरनगर, न्यूज केबीएन ।
जिला मुख्यालय पर स्थित सूर्या इण्टरनेशनल एकेडमी का अभिनव प्रयोग आनलाइन क्लास पहले ही दिन से अपनी सफलता के नए पायदान स्थापित कर रहा है। इस दौरान जहां शिक्षक पूरे मनोयोग से पढ़ा रहे हैं, वहीं बच्चे भी इसमें व्यापक रुचि ले रहे हैं। अभिभावकों व छात्र छात्राओं की अभिरुचि के चलते प्रबन्ध तन्त्र के साथ ही शिक्षकों का उत्साह भी बढ़ा है।
लाकडाउन के दौरान एकेडमी बन्द होने के चलते प्रभावित हो रही छात्र छात्राओं की शिक्षा को देखते हुए सूर्या इण्टरनेशनल सीनियर सेकेण्डरी एकेडमी के निदेशक डॉ उदय प्रताप चतुर्वेदी ने प्रबन्ध निदेशक श्रीमती सविता चतुर्वेदी , प्रधानाचार्य रविनेश श्रीवास्तव तथा उप प्रधानाचार्य शरद त्रिपाठी को एकेडमी के 5000 बच्चों को आनलाइन शिक्षा देने की जिम्मेदारी सौंपी। इस जिम्मेदारी का निर्वहन करते हुए प्रबन्ध निदेशक श्रीमती सविता चतुर्वेदी के नेतृत्व में आनलाइन क्लासेज की शुरुआत की गई । शिक्षकों की लाइव वीडियो बनवाई गई। पाठ्यक्रमों और पाठ्य पुस्तों की पीडीएफ बनवाई गई। बच्चों की संख्या के हिसाब से मोबाइल पर आनलाइन ग्रुप बनाए गए। इसके बाद शुरु हई छात्र छात्राओं की आनलाइन पढ़ाई।
विभिन्न ग्रुपों में चल रही इस आनलाइन पढ़ाई के दौरान हर लेक्चर पर छात्र अपने शिक्षकों से आनलाइन प्रश्न पूछ रहे थे, वहीं शिक्षक उनके सवालों को उचित जबाव भी दे रहे थे। वहीं एकेडमी के द्वारा जारी किए गए मोबाइल नम्बरों पर विभिन्न कक्षाओं के छात्र छात्राओं और उनके अभिभावकों के रिक्वेस्ट उनके नम्बरों को जोड़ने के लिए आ रहे थे।
जारी की गई विभिन्न कक्षाओं की समय सारिणी
विभिन्न कक्षाओं के ग्रुपों पर छात्र छात्राओं के लिए समय सारिणी जारी की गई। इस समय सारिणी में बच्चों को यह बताया गया कि आनलाइन कक्षाओं के दौरान किस दिन कौन सा शिक्षक कौन से विषय की जानकारी उनको देगा। इसी समय सारिणी के अनुसार सभी कक्षाओं के छात्र छात्राओं की पढ़ाई होती रही।
छात्र हितों के लिए निरन्तर रहेंगे प्रयत्नशील – डॉ उदय प्रताप चतुर्वेदी
एकेडमी के निदेशक डॉ उदय प्रताप चतुर्वेदी ने कहा कि एकेडमी के छात्र छात्राओं के हितों के लिए हम निरन्तर प्रयत्नशील रहेंगे। लाक डाउन के दौरान छात्र छात्राओं की पढ़ाई बाधित न हो , इसीलिए यह व्यवस्था की गई है। छात्र छात्राओं के हितों के लिए जो भी व्यवस्था करनी होगी वह उन्हें करेंगे।