– दारु बनाने वालों के उपर कहर बनकर टूट रही हैं महिलाएं
– थाने पर लेकर पहुंची कच्ची शराब के पाउच, पुलिस को सौंपा
आनन्द पाण्डेय, धनघटा, संतकबीरनगर।
कच्ची शराब के खिलाफ धनघटा थानाक्षेत्र के मूड़ाडीहा गांव की महिलाओं ने मोर्चा खोल दिया है। बुधवार की रात में इस गांव की दर्जनों महिलाएं गांव को नशामुक्त बनाने के लिए कच्ची दारु के धन्धेबाजों पर टूट पड़ी। उनके ठिकानों पर बन रहे दारु को छीन लिया तथा उनकी भट्ठियां भी तोड़ दीं। साथ ही यह निर्देश दिया कि अगर कच्ची दारु फिर बनी तो खैर नहीं।

धनघटा थाने के सामने कच्ची दारु लेकर बैठी हुई महिलाएं
मूड़ाडीहा की दर्जनों महिलाओं ने बुद्धवार की रात में कच्ची दारु के खिलाफ अभियान में उतर गई हैं। बताते चले है कि मूड़ाडीहा गावं में कई वर्षो से कच्चीदारू के धन्धे बाज बड़े पैमाने पर कच्ची का उत्पादन कर दूर दूर तक सप्लाई करते थे। इस धन्धे पर रोक लगाने के लिए उक्त गांव की सुमन सरौता, किसमती, इन्द्रौता, शोभा समेत दर्जनों महिलाओं ने कच्ची कारोबारियों के ठिकानों पर बन रहे उनके दारु के छीन लिया। साथ ही साथ उनकी कच्ची दारु की भट्ठियां भी तोड़ डालीं। इसके बाद महिलाओं ने पुलिस की डायल 100 सेवा को फोन किया। लगभग 20 मिनट में पुलिस पहुंच कर धन्धेबाज को कच्ची दारू समेत मुकामी थाने पर उठा लायी। पुलिस के साथ महिलाएं भी थाने पर पहुंच गई। थाने पर आकर कच्ची दारु बेचने का विरोध करने लगी। सैकड़ों कच्ची के पाउच को थाने के गेट पर रख कर कारोबारियो के घर पर छापेमारी की मांग करने लगी। इस कार्य से जहां पर धन्धेबाजों के होश उड़ गये है। वहीं मूड़ाडीहा गांव की महिलाओं का कच्ची दारू विहीन कराने की चारो तरफ चर्चा हो रही है। लोगों का कहना है कि महिलाओं ने कच्ची के खिलाफ अभियान चला कर समाज को एक नई दिशा देने का काम किया है यह काम अबकारी विभाग को करना चाहिए परंतु यह काम महिलाएं कर रही हैं।

ये महिलाएं पाउच में पानी नहीं बेच रही है, ये कच्ची दारु के धन्धेबाजों से कच्ची दारु छीनकर लाई हैं आैर धनघटा थाने के सामने बैठी हुई हैं
क्या कहती हैं सुमन
इस अभियान का नेतृत्व करने वाली सुमन का कहना है कि कच्ची दारु के चलते परिवार बर्बाद हो रहे हैं। परिवारों की बर्बादी के लिए जो लोग जिम्मेदार हैं उनके उपर पुलिस को कार्रवाई करनी चाहिए। लेकिन पुलिस और आबकारी विभाग कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। हम लोगों का यह अभियान चलता ही रहेगा।