– परिजनों ने दी कोतवाली थाने में तहरीर, मुकदमा दर्ज नहीं
– मौके पर पहुंची पुलिस ने मामले की ली जानकारी
संतकबीरनगर। केबीएन न्यूज
कोतवाली खलीलाबाद क्षेत्र के टीचर्स कालोनी में स्थित सिद्धनाथ हास्पिटल में चिकित्सकों की लापरवाही के चलते नवजात शिशु की मौत हो गई । यही नहीं महिला मरीज को बचाने की एवज में 35 हजार रुपए मांगे जाने के बाद परिजन काफी उग्र हो गए। उन्होने अस्पताल में जमकर हंगामा काटा। इसके बाद पुलिस ने मौके पर जाकर स्थितियों को देखा और आवश्यक कार्रवाई में जुट गई है। समाचार लिखे जाने तक मुकदमा दर्ज नहीं हुआ था।
पढें ‘ आशा कायकत्रियों की मिली भगत से धन्धा– क्लिक करेंकोतवाली खलीलाबाद क्षेत्र के धमरजा, उमरी कला के निवासी सुरेन्द्र यादव की पत्नी शकुन्तला यादव को प्रसव पीड़ा हुई। रात में 12 बजे के करीब वे अपनी पत्नी को लेकर जिला मुख्यालय पर स्थित सिद्धनाथ हास्पिटल पहुंचे। वहां पर स्थिति देखकर इलाज शुरु किया गया। लेकिन बाद में वहां पर मौजूद नर्सों ने बताया कि मरीज की हालत ठीक नहीं है। उसका आपरेशन करना पड़ेगा। डॉ प्रदीप गुप्ता ने मरीज का आपरेशन किया। इस दौरान उनकी पत्नी की बच्चेदानी फट गई। इसी दौरान बच्चा भी मर गया। सुरेन्द्र का आरोप था कि डॉ प्रदीप गुप्ता के पास कोई डिग्री नहीं है। वे बिना किसी डिग्री के आपरेशन व बेहोशी का काम करते हैं। उनकी लापरवाही के चलते यह बच्चा मर गया। आपरेशन के समय उससे 18 हजार रुपए की मांग की गई थी। अब उससे 35 हजार रुपए भी मांगे जा रहे हैं। उसने इस मामले की तहरीर भी कोतवाली खलीलाबाद में दी। इसके बाद पुलिस ने मौके पर पहुंचकर जांच भी किया तथा आवश्यक कार्रवाई शुरु कर दी। समाचार लिखे जाने तक मुकामी पुलिस ने तहरीर मिलने पर मुकदमा दर्ज नहीं किया था। जबकि शकुन्तला की हालत गंभीर बनी हुई है।
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घटना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस टीम जांच करते हुए
क्या कहते हैं सीएमओ
इस सम्बन्ध में पूछे जाने पर सीएमओ डॉ आनन्द प्रकाश श्रीवास्तव ने बताया कि उक्त हास्पिटल को बन्द करने के लिए 15 दिन पहले ही निर्देश दिया गया था। अगर ऐसी बात है कि अभी अस्पताल चल रहा है तो कर्मचारियों को मौके पर भेजकर हास्पिटल को सीज कराया जाएगा।
क्या कहते हैं संचालक
सिद्धनाथ हास्पिटल के संचालक डॉ प्रदीप कुमार गुप्ता का कहना है कि मैं चुनाव लड़ रहा हूं। चुनाव को देखते हुए मेरे विरोधियों ने यह साजिश की है। उन्हीं की साजिश का यह नतीजा है कि उक्त मरीज के परिजनों ने मेरे खिलाफ तहरीर दी है। चिकित्सकों ने कोई लापरवाही नहीं की है।