नई दिल्लीः स्टेनलेस स्टील क्षेत्र की देश की प्रमुख कंपनी जिंदल स्टेनलेस (हिसार) लिमिटेड ने आज रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के साथ हाई नाइट्रोजन स्टील (एचएनएस) के उत्पादन के लिए प्रौद्योगिकी हस्तातंरण का करार करते हुए रक्षा उत्पादन क्षेत्र में प्रवेश करने की घोषणा की है।
रक्षा राज्य मंत्री सुभाष भामरे की मौजूदगी में जिंदल स्टेनलेस के उपाध्यक्ष अभ्युदय जिंदल और डीआरडीओ की ओर से हैदराबाद स्थित रक्षा धातुविज्ञान शोध प्रयोगशाला के निदेशक समीर वी कामत ने इस संबंध में हुए करार पर हस्ताक्षर किए। इसी प्रयोगशाला ने एचएनएस का विकसित किया है जिससे आयातित रोल्डा होमोजिनस आर्मर (आरएचए) के उपयोग से छुटकारा मिल सकेगा और इससे रक्षा उपयोगों के लिए सामग्री की खरीद के खर्च में 50 प्रतिशत तक की कमी आने की उम्मीद है। इस मौके पर भामरे ने कहा कि एचएनएस का उपयोग सभी प्रकार के बख्तरबंद वाहनों में किया जा सकता है, जिनमें इन्फैंट्री कॉम्बैट व्हीकल (आईसीवी), लाइट स्पेशिएलिटी व्हीकल (एलएसवी), लाइट आर्म्ड मल्टीपर्पज व्हीकल (एलएएमवी), फ्यूचरिस्टिक इन्फेंट्री कॉम्बैट व्हीकल (एफआईसीवी), मेन बैटल टैंक (एमबीटी), फ्यूचर रेडी कॉम्बैट व्हीकल (एफआरसीवी), हवाई तथा नौसैनिक प्रणालियां शामिल हैं।