मुस्लिम महिलाओं का काम घर संभालना ना कि नौकरी करना
वाजदी ने कहा है कि मुस्लिम महिलाओं का नौकरी करना इस्लाम के खिलाफ है. वाजदी का कहना है कि घर का खर्च उठाने की जिम्मेदारी मर्द की होती है. महिलाओं का काम घर और बच्चों की देखभाल करना है. वाजदी ने कहा कि महिलाओं का नौकरी करना उसी सूरत में जायज है जब घर का खर्च उठाने वाला कोई मर्द ना हो और वो चेहरे समेत खुद को ढंक कर काम करे।
देवबंद पहले से इस तरह के बयानों के लिए बदनाम
गौरतलब है कि देवबंद पहले से ही तमाम तरह के फतवों और बयानों के लिए बदनाम रहा है। इसके पहले दारूल उलूम देवबंद ने फतवा जारी करते हुए कहा था कि तलाक के लिए औरत का मौजूद रहना जरूरी नहीं है और अगर कोई पति चाहे तो मोबाइल फोन से भी अपनी पत्नी को तलाक दे सकता है। इस तरह मोबाइल फोन से दिए गए तलाक को भी मान्य किया गया।
देवबंद से इस्लाम के बारे में ऐसे कई बयान और फतवे आए हैं। ‘भारत माता की जय’ नारे को लेकर भी इस्लामिक शिक्षण संस्था दारुल उलूम ने एक फतवा कर कहा था कि भारत माता की जय बोलना मुसलमानों के लिए जायज नहीं है।