सेमरियावां, संतकबीरनगर। न्यूज केबीएन
आगजनी की घटना से हो रहे नुकसान का अंदाजा ग्रामीण क्षेत्र की जनता को नही है ।तभी तो जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन के बार बार चेतावनी देने के पश्चात भी ग्रामीण क्षेत्र की जनता गेहूं के डंठल को जलाने से बाज नही आ रही। शाम होते ही तप्पा उजियार खेतों पड़े डंठल को जलाने का काम शुरू हो जाता है। कस्तूरबा सेमरियांवा की छात्राओं को भी इसका खामियाजा भुगतना पड़ा।

खेतों में डंठल जलने से भरे धुएं से परेशान कस्तूरबा स्कूल की छात्राएं
सेमरियावां और मूड़ाडीहा बेग के बीच स्थित सिवान में खेत में पड़े डंठल में आग लगाए जाने से खतरनाक स्थिति बन गई।आग से खेतों में लगे पेड़ को जलने ,खेतों से गुजरने वाले बिजली के तार टूटने ,तेज हवा होने के कारण गांवों में आग लगने के भय बना रहता है ।
इस पर किसी प्रकार का अंकुश ना लगने से गांव ग्राम वासियों का मनोबल बढ़ा जा रहां है । कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय सेमरियावां में पढ़ने वाली छात्राएं विद्यालय के दूसरे मंजिला पर जहां सोती हैं वहां पर रात में खेतों का धुआ भर गया । इससे बचाव हेतु छात्राएं अध्यापिकाओं के साथ स्कूल के खाली के मैदान में आ गईं । धुंए से अँधेरा पसर गया।भय वश कमरा छोड़ दिया।चिंगारी भी आ रही थी।शिक्षिका पूनम सिंह और रिकी श्रीवास्तव ने बताया कि कक्ष में धुंआ भर गया था ।सुरक्षा के लिए बालिकाओं के साथ फील्ड में चले आये।