– किसान दिवस पर जिलाधिकारी की अनुपस्थिति के चलते किसानों ने किया था हंगामा
– मण्डलायुक्त से की थी जिलाधिकारी कुशीनगर की शिकायत, खार खाए हुए है जिलाधिकारी
कुशीनगर। न्यूज केबीएन
प्रदेश में चीनी का कटोरा कहे जाने वाले कुशीनगर जनपद के निरंकुश जिलाधिकारी आन्द्रा वामसी के द्वारा जिले के किसानों का जमकर उत्पीड़न किया जा रहा है। थानेदारों के जरिए जिलाधिकारी किसानों को उनके घरों से पकड़वाकर मंगवा रहे हैं और अपने कार्यालय में रात में बैठाकर उनके साथ दुर्व्यवहार कर रहे हैं। साथ ही उन्हें फर्जी मुकदमों में फंसाने की धमकी भी दे रहे हैं। किसानों को दोष सिर्फ इतना है कि उन्होने किसान दिवस में उनकी मौजूदगी न होने पर इस बात का विरोध कर दिया था और बैठक से बाहर निकल आए। साथ ही इसकी शिकायत मण्डलायुक्त से कर दी। तभी से खार खाए जिलाधिकारी का दमनचक्र लगातार चल रहा है।
हुआ यह कि गत 21 जून को किसान दिवस का आयोजन हुआ था। उस आयोजन में पूरे जिले से दूर दूर से किसान ट्रेनों, बसों के जरिए आये हुए थे। यह आयोजन प्रदेश की योगी सरकार के निर्देश पर हुआ था। जिलाधिकारी समेत अन्य अधिकारियों की उपस्थिति के निर्देश थे। लेकिन कुशीनगर के निरंकुश जिलाधिकारी आन्द्रा वामसी के साथ अन्य अधिकारी भी बैठक में मौजूद नहीं थे। किसानों ने इन अधिकारियों को बुलाने की मांग की ताकि वे उनके समक्ष अपनी समस्याओं का निराकरण कर सकें। लेकिन अपने कैम्प कार्यालय पर मौजूद जिलाधिकारी आन्द्रा वामसी मौके पर नहीं पहुंचे। साथ ही जिस किसान ने टेलीफोन पर उनसे बात की उसे भी बुरा भला कहा। साथ ही देख लेने की धमकी भी दी। किसानों ने इसके बाद मण्डलायुक्त को फोन मिला दिया। मण्डलायुक्त गोरखपुर ने फोन पर जो भी कहा हो। उसी के बाद से जिलाधिकारी आन्द्रा वामसी किसानों के उपर बहुत ही खफा हैं। रोज कृषि विभाग के अधिकारियों से किसान नेताओं के नाम पूछते हैं। उनके बारे में स्थानीय थानेदारों से जानकारी प्राप्त करते हैं। थानेदार से जानकारी पाने के बाद शाम को किसान हो या किसान नेता, उसको पकड़कर लाने का आदेश देते हैं। रोज 3 से 4 किसानों को लाकर अपने कार्यालय में हड़काते हैं और बुरा भला कहने के साथ घर खोदवा देने तक की भी धमकी देते हैं। जिलाधिकारी के इस कार्य से किसानों के अन्दर भय का माहौल व्याप्त है। आलम तो यह है कि तमाम किसान अपने घरों को छोड़कर दूसरे के घरों में सो रहे हैं। किसानों के उपर जिलाधिकारी के द्वारा किए गए अत्याचार के चलते जिले की स्थिति काफी खराब होती जा रही है। भय के साए में जी रहे किसान इस बात को लेकर चिन्तित हैं कि कब किसका नम्बर आ जाए और यह हिटलर अधिकारी उसके साथ दुर्व्यवहार कर बैठे।
106 साल के बुजुर्ग को उठा ले आया पडरौना का कोतवाल
किसानों के उपर चल रहे जिलाधिकारी आन्द्रा वामसी के दमन चक्र का आलम तो यह है कि पडरौना के पास एक गांव के रहने वाले भारतीय किसान संघ ( आरएसएस की किसान विंग ) के नेता नहीं मिले तो पडरौना के कोतवाल को भेजकर उनके 106 साल के पिता को ही अपने आफिस में बुलवा लिया। जब उनकी हालत इस निरंकुश जिलाधिकारी ने देखी तो बुजुर्ग की हालत देख उनके हाथ पांव फूल गए। कोतवाल को उल्टे पांव उन्हें वापस ले जाने को कहा।
भीगी बिल्ली बने हैं जिले के भाजपा विधायक
जिलाधिकारी के इस निरंकुश और तानाशाह रवैये की जानकारी जिले के हर विधायक को है। लेकिन वह पूंछ लटकाए हुए भीगी बिल्ली बने हुए हैं। किसान नेता लगातार जिले के जिलाधिकारी के द्वारा प्रताडि़त किए जा रहे हैं। लेकिन कोई भी कुछ बोल नहीं रहा है। ये किसान नेता भी भारतीय किसान यूनियन के नहीं बल्कि भारतीय जनता पार्टी के अनुषांगिक संगठन राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ से जुडे भारतीय किसान संघ के हैं। उसके बावजूद जिलाधिकारी के भय से भयक्रान्त विधायक चुप्पी साधे बैठे हुए हैं।