- यहीं से सप्लाई होती हैं उत्तर प्रदेश और बिहार में चाइनीज पिस्टलें
- संगठित तरीके से पिस्टल तस्करी को अंजाम देता है तस्करों का गिरोह
मोहन श्याम गौड़ ।
वाल्मिकी नगर, पश्चिमी चम्पारन ( बिहार )।
बिहार राज्य के पश्चिमी चम्पारन का वाल्मिकी नगर कस्बा बर्षों से चाइनीज पिस्टल की तस्करी का अड्डा बना हुआ है। यहां के बहुचर्चित पांच भाइयों की टीम संगठित तरीके से इस धन्धे को अन्जाम दे रही है। यहां से चाइनीज पिस्टलों की होने वाली तस्करी पर न तो मुकामी पुलिस ही नकेल कसने में सफल हो रही है, न ही एसएसबी की टीम। कारण यह है कि यहॉ का असलहा तस्कर इस बैरिकेटिगं अभियान को ठण्डे बस्ते में जाने तक ठण्डा रहने की रणनीति पर काम कर रहा है। पांचवी कक्षा पास असलहा तस्करों के सरगना की गिरेबान तक किसी के हाथ नहीं पहुंच पाते हैं। वह एसएसबी की ऑख मे पन्द्रह साल से धूल झोकता आ रहा है, और चाइनीज पिस्टलों की तस्करी को अंजाम दे रहा है।

बाल्मिकीनगर का वह बैराज जिसके आसपास के इलाकों में सक्रिय रहता है चाइनीज पिस्टल की तस्करी का गिरोह
बिहार राज्य के पश्चिमी चम्पारन जनपद में नेपाल सीमा से सटे वाल्मिकी नगर से होकर उत्तर प्रदेश तक चाइनीज पिस्टल की तस्करी का धन्धा वर्षो से निर्बाध गति से चलता आ रहा है। जिसके लिये यहॉ का भौगोलिक संरचना सबसे बड़ा जिम्मेदार माना जाता है। नेपाल-बिहार सीमा से सटे बसा हुआ वाल्मिकी नगर जिसे भैंसा लोटन के साथ-साथ काला-पानी भी कहा जाता है। उसके एक तरफ पहाड़ से निकलने वाली विकराल गण्डक नदी बहती है तो दूसरी तरफ भंयकर जंगल विराजमान है। गोपनीय सूत्रों की माने तो इसी भौगोलिक संरचना का फायदा उठाकर यहॉ का एक मामूली लकड़ी चोर जो पहले अपने पॉच भाइयों के साथ मिलकर जंगल से पेड़ काटा करता था। अब वह कई वर्षो से चाइनीज पिस्टल की तस्करी के धन्धे में आ गया है। जिसकी गवाही उनकी पॉच-पॉच आलीशान कोठियां देती है। जो इस वीराने और रोजगार विहीन टापू पर कैसे और किस कमाई पर चमक रही हैं यह स्वयं में एक सवालिया निशान खड़ा कर रहा है। यहीं से पूर्वी उत्तर प्रदेश के साथ ही साथ बिहार में भी चाइनीज पिस्टलें पहुंचाई जा रही है। हमने इस मामले की पूरी पड़ताल की

वाल्मिकीनगर का वह इलाका जो चाइनीज पिस्टलों की तस्करी करने वालों के लिए स्वर्ग साबित हो रहा है
चर्चित चाय की दुकान पर होती है डीलिंग
अपनी पहचान छुपाने की गुजारिश पर भैंसा लोटन के कुछ स्थानीय लोगों ने जो कहानी बतायी वह बहुत ही हैंरतअंगेज है। लकड़ी चोरी से चाइनीज पिस्टल की तस्करी में आने वाला पॉच भाईयों का यह ग्रुप अपने हाथ से कुछ भी नहीं करता है। उसका एक भाई वाल्मिकीनगर के थ्री आर डी पुल के पास नहर के किनारे एक चाय की दुकान पर बैठकर पूरे नेटवर्क को संचालित करता है। इस काम को संचालित करने वाला वह शख्स कक्षा पॉचवी फेल बताया जाता है।

नक्शे में वाल्मिकीनगर के साथ ही साथ कालापानी व अन्य दुर्गम इलाकों को देखा जा सकता है। बाल्मिकीनगर एक टापू की तरह दिखाई देता है
हमने इस मामले की पूरी पड़ताल की है। इस मामले से जुड़ी अन्य सारी जानकारियों को हम अपने अगले भाग में देंगे।
शेष अगले अंक में क्रमश: …..
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पिस्टल तस्करी – भाग 2 पिस्टल तस्करी – भाग 3 पिस्टल तस्करी – भाग 4 पिस्टल तस्करी – भाग 5 पिस्टल तस्करी – भाग 6 पिस्टल तस्करी – भाग 7 पिस्टल तस्करी – भाग 8 पिस्टल तस्करी – भाग 9